एक T.V के तरह दिखने वाली ये device बड़े और बढ़िया display resolution के साथ fine graphics दिखाने में मदद करता है. यह hardware, video card के इस्तमाल से Video और Graphics Produce करता है.
जैसे हम TV में कोई भी चीज़ देखते है उसी तरह इसका इस्तमाल कंप्यूटर में Video, Image, Document, app को देखने के लिए किया जाता. ये सबसे महत्वपूर्ण device है क्योंकि अगर ये ही नही होगी तो हमे पता ही नही चलेगा कि कंप्यूटर में क्या वर्क हो रहा है।
Moniter को screen, display, video display, video display terminal, video display unit और video screen भी कहा जाता है।
Monitor के बारे में Facts
HDMI, DVI, और VGA port से Monitor को Connect किया जाता है. दुसरे Connectors हैं USB, Display Port, और Thunderbolt. मॉनिटर नया ले रहे है तो connector एक जैसे ही ले।
Monitor दो तरह के होते है:-
CRT Monitor
ये मॉनिटर अब नही चलते, ये बहुत भारी होते है और ज्यादा जगह ही नही घेरते बल्कि इलेक्ट्रिसिटी भी खिंचते है । दरअसल ये cathode ray tube technology बेस्ड है जो की टी वी के लिए यूज़ होती थी।
LCD Monitor
ये flat panel display है, CRT के मुकाबले कम desk space लेते है, हल्के होते हैं, कम electricity खींचते है, काफी समय से यही monitors यूज़ किये जाते हैं, laptops और notebook computers पे, ये touchscreens का भी काम करते है।
2. Printer
किसी भी output को हार्डकॉपी में प्राप्त करने के लिए Printer का इस्तेमाल होता है, हमे जो भी डोक्युमेंट या जानकारी कागज अर्थात पेपर पर चाहिए उन्हें Printer के द्वारा ही प्राप्त किया जाता है। Printer में भी एक मेमोरी कार्ड होता ही जिससे ये कंप्यूटर से मिलने वाले आउटपुट को धीरे धीरे प्रिंट कर हार्ड कॉपी में बदलता है।
Printer को external हार्डवेयर कहते है क्योंकि बिना Printer के भी कंप्यूटर पर काम किया जा सकता है। Printer में अलग अलग font होते है, कुछ Printer केवल text प्रिंट करते है और कुछ text और ग्राफिक दोनो प्रिंट करते है।
Printer निम्न प्रकार के होते है:-
- Daisy-wheel
- Dot-matrix
- Laser Printer
- Line Printer
- Thermal Printer
Printer के Characteristics
Quality
Printers से जो Output के letters प्रिंट होते हैं. उन्हें इन 3 Qualities में भाग किया गया है. Letter quality, near letter quality या Draft quality
Speed
Printers की speed की बात करें तो उनका Measurement characters per second (cps) से पता चलता है. जितनी ज्यादा CPS उतना ही अच्छा PRINTER.
3. Plotter
इंजीनियरिंग , भवन निर्माण , City Planning , map आदि में plotter का प्रयोग किया जाता है। इसके इस्तेमाल से बड़े बड़े पेपर्स पर हाई क्वालिटी वाले ग्राफ प्राप्त किये जाते है। ये डिवाइस वैसी ही picture draw करती है जैसी कम्प्यूटर से कमांड मिलती है। Multicolor Plotters में अलग अलग colour के Pens का use किया जाता है. ये device Printers से काफी महँगी होती है. इनका इस्तमाल Engineering Application में किया जाता है।
4. Screen Projector
Projector के इस्तमाल से computer के screen पर दिखने वाली सभी चीज़ी को बड़े surface पर दिखा सकते है जैसे presentations, Moving Images, slideshow और Videos.
जिस surface पर light को Project किया जाता है वह surface size में बड़ा, सीधा और सफ़ेद colour का होता है.
Projector का इस्तमाल कहाँ होता है
PowerPoint presentation को business meeting, स्टूडेंट्स को पढ़ाने और समझाने के लिए TV और Computer में जो भी मूवी या वीडियो है, बड़े surface पर बहुत सारे लोगो को दिखाने के लिए, Public Places में कोई वस्तु या सेवाओं को लोगों को समझाने के लिए बड़े बड़े शोरूम या शॉपिंग मॉल्स में खाली दिवार पे अलग अलग प्रकार की तस्वीर को display करने के लिए जिसे look बदल जाए.
5. Speaker

स्पीकर को आप एक output हार्डवेयर डिवाइस कह सकते हैं, सामान्य भाषा मे कहे तो स्पीकर होते है कंप्यूटर की आवाज़, हमे कोई भी गाना सुनने, मूवी की आवाज सुनने के लिए speakers की जरूरत पड़ती है।
Computer Speakers से जो Sound Produce होता है, उसको computer का एक Component जिसका नाम है Sound card वही Generate करता है. LAPTOP में तो पहले से ही Speaker रहते है Keyboard के ऊपरी छोर पे.
इंटरनल स्पीकर (Internal Speaker)
जो speaker motherboard के साथ inbuilt होता है उसे Internal Speaker कहा जाता है|
एक्सटर्नल स्पीकर (External Speaker)
अगर हमें बहुत तेज वॉल्यूम के साथ सुनना है तो external स्पीकर लगाए जाते है।
Speaker काम कैसे करता है?
स्पीकर एक Cone, एक लोहे का तार, एक चुंबक, और Housing (case) से निर्मित होता है। जब Speakers किसी Device से इलेक्ट्रिक इनपुट को लेता है तो एक Vibration बनता है और इसी Vibration के कारण Sound निकलता है. अपने कानों से इस आवाज को सुन सकते हैं.
Sounds की Quality इन से पता चलती है, एक Frequency response, Total Harmonic Distortion और Watts.
इसके अलावा अगर हम बिना किसी को डिस्टर्ब किये साउंड सुनना चाहते है तो उसके लिए हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल कर सकते हैअगर speaker पहले से ही कम्प्यूटर में लगा हुआ हो और आप अपने computer के line out में headphone को connect करते हैं तो आपके speaker में sound नहीं आएगा, केवल headphone में ही sound आएगा, अगर दोनो में साउंड चाहिए तो U S B हेडफोन का प्रयोग करे।
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