कम्प्युटर सॉफ्टवेयर क्या है?- What is Computer Software in Hindi
आज के समय में छोटी क्लास में भी कंप्यूटर सिखाना शुरू कर दिया जाता है और ऐसे में बच्चों को भी बेसिक कंप्यूटर का नॉलेज दिया जाता है. ऐसे में काफी बच्चे सॉफ्टवेयर के बारे में जानते है. हालाँकि भले ही उन्हें इस बारे में विस्तार से पता नहीं होता है लेकिन फिर भी थोड़ा बहुत वे इस बारे में जानते है. आज हम आपको विस्तार से सॉफ्टवेयर के बारे में बताएँगे ताकि आप अच्छे से इसके पुरे कांसेप्ट को समझ पाए.
सॉफ्टवेयर (Software) क्या है?
हम उदहारण अपने शरीर का लेते है की अगर आपका शरीर कंप्यूटर है तो आत्मा सॉफ्टवेयर है. शरीर हमारा बाहरी आवरण है लेकिन सॉफ्टवेयर हमें जीना सिखाता है, निर्णय लेना की क्षमता देता है और सोचने की क्षमता विकसित करता है. इसका मुख्य केंद्र हमारा दिमाग होता है और अगर दिमाग को ही बाहर निकाल दिया जाए तो शरीर किसी काम का नहीं है.
उसी तरह कंप्यूटर का दिमाग है CPU और CPU सॉफ्टवेयर से चलता है. सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम का ग्रुप है जो किसी काम को पूरा करने के लिए बनाया जाता है. जैसे अकाउंट के काम को पूरा करने के लिए Tally बनाया गया. वैसे ही किसी पर्टिकुलर काम को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाए जाते है.
कंप्यूटर सिर्फ मशीनी भाषा को समझ सकता है और सॉफ्टवेयर की कोडिंग ऐसे की जाती है की कंप्यूटर उसकी भाषा को समझ सकता है. बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर चलाना यूजर के लिए नामुमकीन सा है. सॉफ्टवेयर यूजर को ऐसा वातावरण देता है जिससे यूजर कंप्यूटर को आसानी से चला सके और समझ सके.
कंप्यूटर भले ही बना हार्डवेयर से है लेकिन उसे चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है. बिना सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिर्फ काली स्क्रीन है. फाइल खोलना, कंप्यूटर स्टार्ट करना, फाइल बनाना, कॉपी-पेस्ट करना, इन्टरनेट चलाना, विडियो देखना आदि सब काम सॉफ्टवेयर से ही संभव है.
सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है?– Types of Software

सॉफ्टवेयर मुख्यत दो प्रकार के होते है सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर. आईये इसके बारे में विस्तार से जानते है.
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर
ऐसा सॉफ्टवेयर जो यूजर को ऐसा यूजर फ्रेंडली वातावरण दे जिससे यूजर के लिए कंप्यूटर चलाना आसान हो, उसे सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है. सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को मैनेज करता है तथा उनसे काम करवाता है. सिस्टम सॉफ्टवेयर कई तरह के प्रोग्राम्स और सॉफ्टवेयर का समूह है.
यह सॉफ्टवेयर सिस्टम के साथ आते है और सिस्टम में ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करते है ताकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आसानी से चल सके. सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर को ऐसा वातावरण देते है ताकि यूजर सिस्टम को आसानी से चला सके और उसे मैनेज कर सके. यह सॉफ्टवेयर सिस्टम के अंदर ही इनस्टॉल होते है और सिस्टम से कार्य करवाने के लिए जिम्मेदार होते है. सिस्टम सॉफ्टवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है.
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
ऐसे सॉफ्टवेयर जो यूजर की समस्याओं को हल करने के लिए अलग से बनाये जाते है उन्हें एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहते है. यह सॉफ्टवेयर यूजर की जरूरतों के हिसाब से बनाये जाते है और इन्हें सिर्फ यूजर ही मैनेज करता है. इन्हें जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर में इनस्टॉल किया जाता है और रिमूव किया जाता है. हालाँकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है.
एक ख़ास बात यह है की कंप्यूटर बिना एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के आसानी से चल सकता है लेकिन बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर नहीं चल सकता. लेकिन खाली सिस्टम सॉफ्टवेयर से यूजर चलाएगा क्या क्योंकि उसकी जरूरते तो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ही पूरी करेगा. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर को उनका टास्क पूरा करने में मदद करते है.
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कुछ उदहारण है जैसे Opera, Google Chrome Browser, Microsoft Word, Excel, Power Point, MySQL, VLC Media Player, Photoshop, Tally आदि. यह सभी सॉफ्टवेयर यूजर की जरूरतों के हिसाब से बनाये गए है.
जैसे अगर यूजर को कुछ सर्च करना पड़े तो उसे ब्राउज़र इनस्टॉल करना पड़ेगा, अगर यूजर को विडियो देखने है तो मीडिया प्लेयर की जरूरत पड़ेगी, अकाउंट का काम करना है तो Tally की जरूरत पड़ेगी, डॉक्यूमेंट बनाने है तो माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की जरूरत पड़ेगी आदि. इस तरह आप आसानी से समझ सकते है की एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के लिए कितना जरुरी है.
सॉफ्टवेयर कैसे बनाये जाते है?- How to Create Software
सॉफ्टवेयर बनाने वाले को प्रोग्रामर या सॉफ्टवेयर इंजिनियर कहा जाता है. वो ऐसे प्रोग्राम या कोड लिखता है जिससे आपकी जरूरत का सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है. हर एक कोड को आपकी जरूरत को ध्यान में रखकर लोजिक के साथ लिखा जाता है ताकि गलती ना हो. सॉफ्टवेयर बनने के बाद टेस्ट होते है और फिर मार्किट में आते है.
आज के समय में सॉफ्टवेयर की आवश्यकता- Importance of Software
आपने कभी सोचा है की अगर मोबाइल में से उसका सॉफ्टवेयर निकाल दिया जाए तो क्या होगा? जाहिर सी बात है मोबाइल एक डिब्बा बन जायेगा. वैसे ही आप मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर दिन रात जो काम करते है वो सब सॉफ्टवेयर से ही संभव है. आज के समय में लगभग हर काम सॉफ्टवेयर से ही होता है क्योंकि मैन्युअल करने में बहुत समय लगता है और सॉफ्टवेयर से वो काम आसानी से हो जाता है.
आज के समय में स्कूल, कॉलेज, फाइनेंस, NGO, सर्विस सेण्टर और लगभग हर हर जगह सॉफ्टवेयर से ही काम होते है. हर कम्पनी का अलग-अलग सॉफ्टवेयर बनने लगा है जिससे उसके काम को आसान बनाया जा सके. आज के समय में बिना सॉफ्टवेयर के आसान काम की कल्पना करना बेकार है.
आज की इस पोस्ट में आप अच्छे से जान गए होंगे की सॉफ्टवेयर क्या है, सॉफ्टवेयर कैसे बनते है, सॉफ्टवेयर कितने तरह के होते है और आज के समय में सॉफ्टवेयर की क्या जरूरत है. उम्मीद करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कमेंट बॉक्स में अपने विचार दे.
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